Tuesday 31 May 2016

क्यों आसमान का रंग नीला होता है ?

क्यों आसमान का रंग  नीला होता है ?

               आसमान नीला क्यों है ये सवाल सदियों से हर किसी के मन में आते रहा है. लेकिन  अंतरिक्ष में अगर जाकर देखे तो आसमान नीला नहीं दिखाई देता। आकाश आसमान का तो कोई रंग होता ही नहीं है. अंतरिक्ष में असमान का  रंग काला दिखेगा. लेकिन धरती से आसमान नीला  क्यों दिखाई देता है??

               मुख्य रूप से इसका संबंध पृथ्वी के वायुमंडल से है. पृत्वी के वायुमंडल में अनेक गैसों का मिश्रण है और इन गैसों के मिश्रणोंसे पृथ्वी का वायुमंडल घिरा हुआ है. ये गैस तो है ही लेकिन इन गैसों के आलावा अनेक  पदार्थ है जैसे की धूल के कण पराग कण, गैस जो बनी होती है वो अणुओं से बनी होती है, अत्यन्त सूक्ष्म कणों से बनी होती है.   वायुमंडल में जब सूर्य की किरणे प्रकाश प्रवेश करती  है, तो वो किरणे, प्रकाश इन कनोंसे टकराती है. वैसे तो सूर्य का प्रकाश तो अनेक तरंगो से बना होता है, उनमे से सात रंगों को हमारी आँखे देख पाती है.

                जब प्रकाश किसी कण से टकरा जाता है तो वो आर पार् हो जाता है या परावर्तित हो जाता है. उनीसवीं सदी में जोन डिंटल नमक विज्ञानिक के दिखाया की सूर्य के प्रकाश के अंशों में से जब ये किरणे इन सूक्ष्म कनों से टकराकर परावर्तित हो जाती है तो नीला रंग अधिक परावर्तित होता है और लाल रंग उन कणो से आरपार निकल जाता है और कम परावर्तित होता है.

                इसलिए सूर्य प्रकाश का लाल अंश  बिना परावर्तित हुए पृथ्वी तक पहुँच जाता है, पर नीला अंश हवा  में मौजूद गैसों अणुओं , धूल कण, पराग आदि से परावर्तित हो जाता है. और बहुत देर तक हवा में ही बना रहता है. इसी परावर्तित हुई रोशनी के कारण आकाश हमे नीला दिखाई देता है.


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